कैंसर के कुछ मारक रूप और बचाव के गुर

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  • डॉ परमानन्द

    कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो बहुत ही शांत तरीके से हमारे शरीर पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर देती है और धीरे-धीरे हमें पूरी तरह अपनी चपेट में ले लेती है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी जरूर है लेकिन अगर शुरुआती स्तर पर इस बीमारी का पता चल जाए तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। हमारे सामने बॉलिवुड सिलेब्रिटीज से लेकर क्रिकेट के युवराज सिंह जैसे कई उदाहरण हैं; जो इस बीमारी से लड़कर बाहर आए हैं।

    कैंसर 200 से भी अधिक प्रकार का होता है। इन सभी के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। यहाँ हम कैंसर के सिर्फ उन प्रकारों के बारे में बात करेंगे, जो ह्यूमन लाइफ को तेजी से अपना शिकार बना रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कैंसर ऐसे हैं, जिन्हें अपनी अवेयरनेस के बल पर हम अपने शरीर में पनपने से रोक सकते हैं।

      ब्लड कैंसर :

     सबसे अधिक फैलने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर का नाम भी प्रमुखता से शामिल है। इस बीमारी में इंसान के शरीर की ब्लड सेल्स में कैंसर पनपने लगता है।
    इसके चलते शरीर में खून की कमी होना और इसका तेजी से पूरे शरीर में फैलना शुरू हो जाता है।
    यह प्रदूषित/विकृत/अनियमित आहार-विहार-विचार और आचार का परिणाम होता है।

 

स्किन कैंसर :

स्किन कैंसर के केस भी काफी तेजी से सामने आ रहे हैं। यह कैंसर लंबे समय तक बहुत अधिक तेज धूप में रहने, सही डायट ना लेने और फीजिकल ऐक्टिविटी ना करने जैसे स्थितियों में पनपता है। यह कैंसर हर आयुवर्ग के इंसान को अपनी चपेट में लेता है।

ब्रेस्ट कैंसर :

ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर महिलाओं में होता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि पुरुष इस बीमारी का शिकार नहीं होते हैं। स्तन कैंसर पुरुषों को भी अपना शिकार बनाता है। इस कैंसर के दौरान महिलाओं के स्तन में शुरुआती तौर पर एक गांठ जैसी महसूस होती है, जो धीरे-धीरे फैलने लगती है और घातक स्थिति में पहुंच जाती है।
यह मूलतः स्तन की सही मसाज न करवाने, गलत तरीक़े से या हवसी ढंग से स्तनमर्दन किये जाने और ब्रेस्ट फीडिंग से बचने से होता है।

सर्वाइकल कैंसर :

ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं में तेजी से होनेवाला कैंसर माना जा रहा है सर्वाइकल कैंसर। महिलाएं वैसे भी अपनी सेहत को लेकर कुछ लापरवाह होती हैं। जिस कारण इस कैंसर को ग्रोथ करने का पूरा अवसर मिलता है और यह जानलेवा स्थिति में पहुंच जाता है। सर्वाइकल कैंसर में महिला के गर्भाशय की कोशिकाओं में अनियमित वृद्धि होने लगती है, जो धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है। यह योनिमार्ग से संबंधित है। यह यौनिक दुराचार करने, स्वस्थ संभोग से वंचित रहने के कारण योनिमार्ग की कोशकाओं के कमजोर हो जाने और गंदे/रुग्ण इंसान से सेक्स कराने आदि वजहों से होता है।

ब्रेन कैंसर :

आप नाम से समझ सकते हैं कि यह कैंसर व्यक्ति के दिमागी हिस्से में पनपता है। ब्रेन कैंसर को ब्रेन ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में ब्रेन में एक ट्यूमर बन जाता है, जो धीरे-धीरे फैलने लगता है और इंसान के पूरे शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। इसके लिए चिंता, तनाव, माइग्रेन, डिप्रेशन, अनिद्रा आदि जिम्मेदार कारक हैं।

बोन कैंसर :

कैंसर का एक प्रकार है बोन कैंसर। यह इंसान के शरीर की हड्डियों पर अटैक करता है। आमतौर पर यह कैंसर बच्चों या बुजुर्गों को अपना शिकार बनाता है। इसकी वजह एक्सपर्ट्स शरीर में कैल्शियम की कमी को मानते हैं। जिन लोगों की हड्डियां कमजोर होती हैं।

प्रोस्टेट कैंसर :

प्रोस्टेट कैंसर शरीर की पौरुष ग्रंथि में होनेवाला कैंसर है। यह पुरुषों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है। खास बात यह है कि इस कैंसर के बारे में काफी देर से पता चलता है और जानकारी के अभाव के चलते लोग गलत दिशा में इलाज कराते रहते हैं। यही वजह है कि यह कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है।  हालात ऐसे ही रहे तो इस कैंसर के मरीज अगले कुछ ही साल में दोगुने हो जाएंगे। सेक्स दमन, सेक्सुअल दुराचार, मूत्रावरोध आदि इसके जिम्मेदार कारण हैं।

लंग कैंसर :

लंग कैंसर में इंसान के फेफड़ों की स्थिति बहुत अधिक खराब हो जाती है। श्वांस लेने में दिक्कत, हर समय कफ की समस्या, हड्डियों और जोड़ों में दर्द भूख ना लगता। बेहद कमजोरी महसूस होना हर समय थकान रहना जैसे इसके प्रारंभिक लक्षण होते हैं। कैंसर का यह प्रकार भी प्रदूषण और स्मोकिंग की वजह से अधिक फैलता है।

पैनक्रियाटिक कैंसर :

पैनक्रियाटिक कैंसर यानी अग्नाश्य में होनेवाले कैंसर से व्यक्ति की भूख बाधित होती है। लगातर कमजोरी, मन खराब रहना, उल्टियां होना और पेट में हर समय जलन बने रहने की दिक्कत होती है। यह कैंसर आमतौर पर अधिक वसा युक्त भोजन और रेड मीट के अधिक सेवन से होता है। साथ ही गंदगी वाली जगह में अधिक रहना और अधिक स्मोकिंग करना भी इस कैंसर के बड़े कारण के रूप में सामने आ रहा है।

कारणों से दूर रहना बचाव का कारगर उपाय है। सभी तरह के कैंसर का सफल उपचार हम सुलभ कराते हैं, वह भी निःशुल्क ! लेकिन थर्ड स्टेज से पहले हमें आप समर्पित होते हैं तो ही। इसलिए कि, हम चीर-फाड़ वाली चिकित्सा के सरंजाम से दूर हैं। इलेक्ट्रो होम्योपैथीक चिकित्सा पद्धति से कैंसर के 4 स्टेज के भी मरीज को फायदा मिल रहा है। इस पद्धति की दवा canceroso group की दवा के साथ साथ लिम्फ पर ब्लड को शुद्ध कर पूर्ण रूप से सामान्य अवस्था मे लाया जाता है।

 

 


– डॉ. परमानन्द

सम्पर्क : 77799 95888

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