21 दिसम्बर 2020 को दिल्ली विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग विजिट करने आया था। इसमें इसके चैयरमैन सहित अन्य मेम्बर छात्रों और शिक्षकों से उनकी समस्याओं पर बात करने और समस्या के समाधान हेतु उपस्थित थे।
मीटिंग की शुरुआत यूजीसी, दिल्ली विश्वविद्यालय और आयोग के सदस्यों के साथ छात्र-छात्रों के बीच बातचीत से हुई। इसमे गेस्ट टीचर एसोसिएशन (अतिथि शिक्षक संघ) की मेंबर पूजा प्रजापति ने डीयू के एडहॉक पैनल में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर प्राप्तांकों से बने वरीयता क्रम को बदलने की मांग की है। साथ ही, ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट की वैधता को लेकर हो रहे डीयू के कॉलेजों में हो रही धांधली पर सवाल उठाते हुए इस पर कड़ा निर्देश जारी करने की बात रखी। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेज अनारक्षित वर्ग के साक्षात्कार में आरक्षित वर्ग को महत्व न देने उनका साक्षात्कार में मानसिक शोषण की बात अतिथि शिक्षक संघ ने कही। आयोग ने इन बातों का संज्ञान लेते हुए सख्त कार्यवाही करने का निर्देश कुलपति को दिया। जीटीए की प्रेसिडेंट आरती रानी प्रजापति ने एनसीवेब में गत वर्ष पहले आओ पहले पाओ और sol में गेस्ट टीचर्स की फोन कॉल पर की जाने वाली भर्ती पर आपत्ति जताते हुए भर्तियों में पारदर्शिता रखने पर देते हुए कहा कि यह दोनों संस्थान कैटेगरी के आधार पर रिक्त पदों का ब्यौरा दें तथा उसी अनुसार भर्ती करें।सुश्री आरती ने कहा कि सिर्फ अपने जान पहचान के कैंडिडेट को विशेष रूप से कॉल करके नियुक्त किया जाता है। इससे काबिल कैंडिडेट्स नियुक्ति की भागदौड़ में पीछे रह जाते हैं।आरती रानी प्रजापति ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन को इन संदर्भों में लिखित ज्ञापन सौंपा।