बिहार में भाकपा-माले और किसान महासभा का ट्रैक्टर मार्च 

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विशद कुमार
26 जनवरी 2021 गणतंत्र दिवस के अवसर पर भाकपा-माले व अखिल भारतीय किसान महासभा के आह्वान पर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग पर आज पूरे राज्य में ट्रैक्टर जुलूस का आयोजन किया गया। पटना के फुलवारीशरीफ में स्थानीय विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में पचास से अधिक ट्रैक्टर और सैंकड़ों मोटरसाइकिल का जत्था एम्स निकलकर चितकोहरा गोलबंर तक मार्च किया और फिर चितकोहरा गोलबंर से वापस एम्स लौट गया।
इस ट्रैक्टर मार्च में अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा, पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर, ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव, गुरूदेव दास, जयप्रकाश पासवपन, साधु शरण, इंसाफ मंच की आसमां खान, हिरावल के संतोष झा, माले के युवा नेता पुनीत कुमार, इनौस नेता विनय कुमार, माले के लोकप्रिय नेता मुर्तजा अली आदि शामिल हुए। मार्च में राजद के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया।
लाल झंडे व तिरंगों से पटे ट्रैक्टरों व मोटरसाइकिलों का जत्था देखते ही बनता था। एम्स से लेकर चितकोहरा तक लगभग 2 घंटे तक माले व किसान कार्यकर्ता मार्च करते रहे और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे लगाते रहे।
चितकोहरा गोलबंर पर सैंकड़ों की सभा को संबोधित करते हुए धीरेन्द्र झा ने कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन ने आजादी के आंदोलन के दौर के जागरण जैसी स्थिति पैदा की है। आज पूरा देश मोदी सरकार की विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट हो रहा है। देश की जनता किसान आंदोलन के पक्ष में मजबूती से खड़ी है और वह कह रही है कि इस देश में दूसरा कंपनी राज हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश के संविधान व लोकतंत्र पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ उन्होंने देश की जनता से गणतंत्र की अपनी दावेदारी को फिर से बुलंद करने का आह्वान किया। उन्होंने 30 जनवरी को महागठबंधन के आह्वान पर आयोजित मानव शृंखला को ऐतिहासिक बनाकर तानाशाह मोदी सरकार को सबक सिखाने का आह्वान किया है।
राज्य के अन्य जिलों में ट्रैक्टर मार्च अधिक प्रभावशाली रहे। बेगूसराय में किसान महासभा व अन्य किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से मार्च का आयोजन किया। इसमें हजारों की भागीदारी हुई। वैशाली के लालगंज में किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल जुलूस निकाला। दरभंगा में सौ से अधिक ट्रैक्टर सड़क पर उतरे। एनएच 57 पर निकलास विशाल जुलूस आज शहर का प्रमुख आकर्षण बना रहा। इसमें माले के अलावा इंसाफ मंच और इनौस के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। पटना जिला के धनरूआ, पालीगंज, अरवल, बक्सर आदि जगहों पर भी मार्च निकाले गए। पालीगंज में आज के ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व युवा विधायक संदीप सौरभ ने किया। भोजपुर के गड़हनी में आइसा व इनौस के कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया, जिसमें विधायक मनोज मंजिल शामिल हुए। कटिहार के बारसोई में विधायक महबूब आलम व जूही महबूबा के नेतृत्व में मार्च निकाला गया।
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झारखंड
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किसान आंदोलन एकजुटता मंच झारखंड के बैनर तले ट्रैक्टर-बाइक-कार रैली
आज दिनांक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर तीनों जनविरोधी कृषि कानून को रद्द करने की मांगों को लेकर और किसान आंदोलन के समर्थन में किसान आंदोलन एकजुटता मंच झारखंड के बैनर तले जमशेदपुर के आमबगान मैदान, साकची से तिलका मांझी स्टेडियम बालीगुमा, डिमना तक विशाल ट्रैक्टर-बाइक-कार रैली सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में हजारों के संख्या में बाइक और लगभग 30 ट्रैक्टर और सैकड़ों कारें थीं।
सबसे पहले यह रैली आमबगान मैदान से प्रारंभ होने के बाद बंगाल क्लब, बिरसा चौक, 9 नम्बर रोड, आई हॉस्पिटल चौक, बिरसा चौक, अम्बेडकर चौक, मानगो चौक, तिलका मांझी चौक डिमना होते हुए तिलका मांझी स्टेडियम, बालीगुमा में समाप्त हुआ।
रैली में सबसे पहले दो ट्रैक्टर था। जिसमें एकजुटता मंच के संचालन समिति के सदस्य अंत तक बैठे थे। ट्रैक्टर के बाद मोटरसाइकिल इसके बाद कार एवं अगल-बगल में हजारों की संख्या में लोग पैदल धीरे-धीरे चल रहे थे।
लोग नारा लगा रहे थे कि “किसान आंदोलन को हूल जोहार”  “किसान आंदोलन जिंदाबाद” ” जनविरोधी कृषि कानून रद्द करो” मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी” आदि आदि….
इस रैली का विभिन्न जगहों पर स्वागत किया गया। जिसके तहत हरपाल सिंह हॉस्पिटल के सामने और तिलका मांझी चौक के समीप स्थानीय लोगों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया।
रैली तिलका मांझी स्टेडियम पहुंचने के बाद बाबा तिलका मांझी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद यहां एक छोटी सी सभा का भी आयोजन किया गया। सभा में वक्ताओं ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान आंदोलन के समर्थन में निकाले गए इस रैली का एक संदेश यह भी है कि जब तंत्र गण को समर्थित समर्पित न हो तो गण इसी तरह सड़कों पर उतरकर गणतंत्र दिवस मनाते रहेंगे है। सभा के माध्यम से संचालन समिति के सदस्यों ने मांग की कि जनविरोधी तीनों कृषि कानून बिना शर्त और अविलम्ब समाप्त हो।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक राजनीति संगठनों के अलावे किसान आंदोलन एकजुटता मंच के संचालन समिति के बाबू नाग, भगवान सिंह, सुमित राय, दीपक रंजीत, बिश्वजीत देव, रविंदर प्रसाद , गीता सुंडी, मंथन ने मुख्य भूमिका निभाया।

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