वाराणसीः बी एच यू के सर सुंदरलाल अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग ने एक और नया कीर्तिमान बनाया। वाराणसी के कांछवा रोड के रहने वाले 58 वर्षीय मरीज़ शिवशंकर जयसवाल जो अपनी युवावस्था से ही हृदय रोग से ग्रसित थे । दिल के चार वाल्व में से एक वाल्व जिसको मैट्रल वाल्व के नाम से जाना जाता है वो पूरी तरह से सिकुड़ गया था जिसके कारण मरीज़ के फेफड़ों में रक्त का तनाव बढ़ने लगा और सांस फूलने जैसी समस्या होने लगी इसके साथ ही मरीज के दिल की गति तीव्र एवम अनियमित हो गई जिसके कारण मरीज को दिल की धड़कन तेज और अत्यधिक थकान महसूस हुई। इसका इलाज़ सन 1989 में बीएचयू में ही प्रो टी के लाहिरी द्वारा वाल्व को फैलाकर C.M.V ऑपरेशन द्वारा किया गया ।
लेकिन मरीज़ को पूर्ण रूप से आराम न मिलने पर इसी बीमारी का इलाज लखनऊ स्थित SGPGI में सन 1991 मे प्रो ए. के श्रीवास्तव द्वारा किया गया । इस दौरान मरीज़ की छाती को सामने से खोलकर बायपास की मदद से वाल्व को फैलाया गया। इस ऑपरेशन के बाद मरीज़ को अपनी परेशानी से राहत मिली और उन्होंने एक लंबे समय तक एक स्वस्थ जीवन व्यतीत किया । लेकिन पिछले पांच सालों से मरीज को फिर से सारी समस्याएं उभरने लगी जांच करने पर पाया गया की इसका मैट्रल वाल्व पूर्ण रूप से सिकुड़ चुका है और उसपे कैल्शियम की एक मोटी परत जम चुकी है।
इस स्थिति में इसका इलाज़ सिर्फ आपरेशन करके वाल्व बदल देना हो संभव था । और इस आपरेशन के लिए चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के कार्डियोथोरेसिक विभाग में कार्यरत प्रो संजय कुमार के पास इस मरीज़ को रेफर किया गया तब उन्होंने इस मरीज को भर्ती करके मैट्रल वाल्व का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कृत्रिम वाल्व लगाकर किया। आपरेशन के बाद मरीज़ एक हफ्ते में घर जाने के लिए तैयार है और उसके परिजनों में एक नया उत्साह है क्योंकि मरीज परिवार का मुख्य है और उसे एक लंबे संघर्ष के बाद फ़िर नया जीवनदान मिला है।
प्रो संजय कुमार ने बताया कि इस मरीज का पहले से ही दो बार आपरेशन हो चुका था इसलिए ये उनके लिए एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम था लेकिन वह खुश हैं की उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपने शत प्रतिशत लगाकर एक जान बचाई। ऑपरेशन के खर्च में ५o% व्यय सरकारी सहायता द्वारा मुहैया कराई गई।
प्रो संजय कुमार ने आगे की बातचीत में बताया की यह मरीज़ और इसका आपरेशन इसलिए भी बहुत दिलचस्प है क्योंकि तीन पीढ़ियों के कार्डियो सर्जनों ने अलग अलग काल में अंजाम दिया और इस तरह का आपरेशन चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के कैरियोथोरेसिक विभाग के अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ है ।
इस ऑपरेशन में प्रो संजय कुमार को एनेस्थीसिया विभाग के प्रो राम बदन सिंह, परफ्यूजनिस्ट सौम्यजीत राय एवं अखलेश, ओ टी नर्सिंग टीम से त्रिवेंद्र त्यागी, विकास गहलोत, सत्येंद्र, चितरंजन, सुतापा एवम राहुल फौजदार ने सहयोग किया
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प्रो. संजय कुमार
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