भागलपुर : बहुजनों को निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी, वर्ना हम अपनी नस्लों को बर्बर गुलामी उपहार में सौपेंगे। उक्त कथन हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दलित पृष्ठभूमि के शोध छात्र रोहित वेमुला के शहादत दिवस पर आज (17 जनवरी 2021) को दी श्रद्धांजलि के अवसर पर वक्ताओं कही। उक्त श्रद्धांजलि कार्यक्रम बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत खरीक प्रखंड के सुरहा गांव में आयोजित की गई, जहां छात्र-युवा व ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद ग्रामीणों के बीच वक्ताओं ने आज के दौर में जारी ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी हमले पर विस्तार से चर्चा की।






इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव ने कहा कि 2014 में केन्द्र की सरकार में नरेन्द्र मोदी के आने के बाद ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी हमले का नया दौर शुरु हुआ। जिसका असर जीवन के हर क्षेत्र में सामने आना शुरु हुआ। शैक्षणिक परिसरों में भी इस हमले के निशाने पर बहुजन छात्र आए। जिसका मुकाबला करते हुए हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला ने अपनी शहादत दी।
उन्होंने आगे कहा कि रोहित वेमुला की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए सामाजिक न्याय पर बढ़ते हमले, निजीकरण और नई शिक्षा नीति-2020 के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की जरूरत है। देशी-विदेशी पूंजीपति पक्षधर तीनों कृषि कानूनों व चारों श्रम संहिताओं के खिलाफ किसानों-मजदूरों की लड़ाई के साथ मजबूती से खड़ा होना है।
इस मौके पर गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के साथ मजदूर कानून में बदलाव और तेज रफ्तार में जारी निजीकरण की मार का असर सबसे ज्यादा बहुजनों पर ही पड़ेगा। ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी गुलामी का शिकंजा कसेगा। इसलिए बहुजनों को पूरी ताकत के साथ ब्राह्मणवाद-पूंजीवाद से लड़ाई में खड़े होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि संविधान के आधार पर लोकतंत्र के रास्ते देश को चलाने की बजाय नरेन्द्र मोदी सरकार मनुविधान थोपने और तानाशाही के रास्ते देश को चलाने की ओर बढ रही है। जो कुछ भी हक-अधिकार व सम्मान बहुजनों के पास है, वह छीना जा रहा है। बहुजनों को निर्णायक लड़ाई लड़ना होगी, अन्यथा हम अपनी नस्लों को बर्बर गुलामी उपहार में सौपेंगे।
मौके पर अंजनी, अनुपम आशीष, गौरव पासवान के साथ बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के पांडव शर्मा, सौरव पासवान, निर्भय, अमित, अखिलेश शर्मा आदि मौजूद थे।
- विशद कुमार