हमें ज़मीन चाहिए,
सारा आसमान तुम रख लो।
हमें संविधान चाहिए,
गीता कुरान तुम रख लो।
हमें रोटी चाहिए
आध्यात्म का ज्ञान तुम रख लो।
हमें रोजगार चाहिए
व्रत और ध्यान तुम रख लो।
हमें विचार चाहिए
ये मूर्ति बेजान तुम रख लो।
हमें क़लम चाहिए
ये तीर कमान तुम रख लो।
हमें सम्मान चाहिए
ये क्रूर भगवान तुम रख लो।
हमें इंसान चाहिए
ये जाति का भान तुम रख लो।
हमें आजादी चाहिए
अपनी संस्कृति महान तुम रख लो।
~बच्चा लाल ‘उन्मेष’