हमलावर रात के अंधेरे में जातिगत गाली देते हुए घर पर पहुंच गए और घर में घुसकर गिरोहबंद तरीके से हाकी, डंडा, चाकू से परिजनों पर हमला करना शुरू कर दिया। उक्त घटना स्थल पर सूचना देने के बावजूद कोई भी पुलिसकर्मी नहीं पहुँचा, जबकि रौनापार थाना, पीड़ित परिवार के बिल्कुल पास(25 गज दूरी) में ही है।
पीड़ित परिवार वालों ने अपनी दर्दनाक आपबीती सुनाते हुए कहा कि पिता को हाकी से मारा गया,मां के साथ शर्मनाक बत्तमीजी(छेड़खानी) व मारपीट की गई और घायल लड़के की 70 वर्षीय दादी तक का लाठी से मारकर हाथ तोड़ डाला गया।मेडिकल मुआयना के बाद इनसभी घायलों का इलाज हो पाया है।
पीड़ित परिवार ने कहा कि अगर समय रहते उचित न्याय व सुरक्षा नही मिलता है तो आगे हम सभी ग्रामवासियों के साथ सगड़ी तहसील पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार औऱ प्रशासन की होगी।
सामाजिक उत्पीड़न विरोधी मोर्चा के लोग पीड़ित परिवार के साथ है,उनके न्याय और सुरक्षा की मांग के संघर्ष के साथ रहेंगे।
पड़ोसियों के बीचबचाव से आरोपी फिर से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए,घर से हमलावर गुंडों का चप्पल और लाठी बरामद भी हुआ, पुलिसप्रशासन ने इसे अपने पास रखा हुआ है FIR के 2 महीने बाद भी अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं किया गया।न्याय मिलना तो दूर की बात है। सभी आरोपी अभी तक निडर होकर घूम रहे हैं,आये दिन धमकियां दे रहे हैं और पुलिसप्रशासन आरोपियों के घर जाकर चाय नास्ता और दावते उड़ाते रहते हैं।जो पुलिसकर्मियों के जातिवादी,सामंती मनिसिकता और गरीब विरोधी के होने का पूरा लक्षण है।जो कि एक लोकतांत्रिक देश मे सांस्थानिक स्वीकृति होना शर्मनाक है।
परिजनों ने बताया कि बड़ी मुश्किल से FIR दर्ज कराने के बावजूद अभी तक उक्त आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।पुलिसप्रशासन उन गुंडों का न केवल साथ बल्कि पीड़ित परिवार पर आएदिन फ़र्ज़ी FIR, जेल में डालने आदि की धमकी देते हुए समझौते का दबाब बना रहे हैं।
परिजन व सभी पड़ोसी मिलकर अपनी न्याय की गुहार और अपराधियों के हमले(जैसा कि अपराधी जान से मारने की रोज धमकियां दे रहे हैं) से सुरक्षा की मांग को लेकर SP ऑफिस आये।ये केस न्यायालय में विचाराधीन भी है।पीड़ित परिवार और ग्रामवासी हौसला व हिम्मत रखकर अपने न्याय की मांग का संघर्ष कर रहे हैं।न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने की बात कह रहे हैं।