विशद कुमार
पीपुल्स साइन्स सेन्टर बागबेड़ा ,साझा नागरिक मंच , इप्टा , जनवादी लेखक संघ , प्रगतिशील लेखक संघ , मशाल न्यूज , न्यू ग्लासेस , झारखंड जनतांत्रिक महासभा , जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी , नवजनवादी लोक मंच , विस्थापित मुक्ति वाहिनी , गाँव गणराज्य परिषद , गाँधी शांति प्रतिष्ठान , पी यू सी एल , एस सी एस टी ओ बी सी माइनरिटी वेलफेयर एसोसिएशन , झारखंड ह्यूमैनिटी फाउन्डेशन ने एक संयुक्त बयान जारी कर पिछले दिनों खबर खंड सोशल मीडिया न्यूज ग्रुप के पत्रकारों और फोटोग्राफरों के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट की घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है और ऐपेक्स अस्पताल, बाराद्वारी के हमलावर दोषी डाक्टर और अन्य स्टाफ पर त्वरित कानूनी कार्यवाही की माँग की है । इन संगठनों का संयुक्त प्रतिनिधि मंडल इस शीघ्र ही इस संदर्भ में उपायुक्त और एसपी को मेमोरेन्डम भी देगा।
इस बयान में प्रशासन को ध्यान दिलाया गया है कि उन्हें ऐपेक्स अस्पताल के पूरे इंतजाम की छानबीन करवानी चाहिए । ज्यादा संभावना इसी बात की है कि जरूरी आपात सुरक्षा के उपायों की भारी कमी और अनियमितता को छिपाने के लिए ही पत्रकारों को बल प्रयोग कर बातचीत और अवलोकन से रोका गया ।
उल्लेखनीय है कि खबरखंड की एक टीम निजी नर्सिंग होमों एवं अस्पतालों की आग एवं अन्य आपात खतरों से हिफाजत के इंतजामों का लेखा जोखा लेने के काम में लगी थी । इसीके तहत सरताज आलम , विकास , अंकित और एक महिला पत्रकार की टीम बाराद्वारी स्थित एपेक्स अस्पताल भी गयी । स्टाफ के द्वारा सूचना भिजवाने पर डा. सौरभ चौधरी आये और आते ही असभ्य तरीके से पेश आने लगे । कहने लगे कि आप कौन होते हैं जानकारी माँगने या लेने वाले । कहीं रिकॉर्डिंग तो नहीं हो रही , इस संभावना को भाँप वे और उनके सहयोगी विकास पर टूट पड़े । विकास को बचाने आये सरताज से भी मारपीट करने लगे । इस पूरी घटना की मोबाइल में तस्वीर ले रही महिला पत्रकार के हाथ से मोबाइल छीनने के लिए उलझने लगे । महिला पत्रकार को बचाने में लगे अंकित को भी चोट लगी । इस घटना की थाने में पत्रकार की ओर से रिपोर्ट दर्ज करायी गयी । इसके जवाब में ऐपेक्स अस्पताल की ओर से रंगदारी माँगने का मामला दर्ज कराया गया है ।
इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि अपनी गलती मानने – समझने और सुधारने के बदले अपने को बचाने के लिए पूरी तरह झूठ और आपत्तिजनक आरोप दर्ज करने की कार्यवाही एपेक्स अस्पताल प्रबंधन के अपराध को और बड़ा बना देती है । एपेक्स अस्पताल कोई निजी आवास नहीं है , पैसा लेकर स्वास्थ्य सुविधा देनेवाला संस्थान है । इसकी सुविधाओं की जानकारी तो सबके लिए सार्वजनिक होनी चाहिए । तभी तो लोग यहाँ आने या न आने का सही फैसला ले सकेंगे । मीडिया को भी यह जानकारी लेने और लोगों को खबर के जरिये देने का दायित्व है । बलप्रयोग से मीडिया कर्मियों को सूचना लेने से बाधित करना तथा उन पर झूठा आपराधिक मामला दर्ज करना आपराधिक कृत्य है । यह निन्दनीय और दंडनीय कृत्य है ।