सूचना के अधिकार के प्रयोग से भ्रष्टाचार पर लग सकेगा अंकुश: अरविन्द मूर्ति 

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वाराणसी : सामाजिक संस्था “आशा” ट्रस्ट के तत्वावधान में  दो  दिवसीय जन अधिकार कार्यशाला  शनिवार को आरम्भ हुयी.  इस कार्यशाला में 6 जिलों के 24 प्रतिभागी शामिल हैं .
कार्यशाळा के प्रथम सत्र में धौरहरा गाँव में एक जनचेतना शिविर लगा कर निर्माण मजदूरों  और कामगारों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र लोगों को अपना पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित किया गया. इस दौरान विभिन्न प्रकार के पोस्टर और पर्चों के माध्यम से बताया गया कि सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के निर्माण क्षेत्र में लगे हुए कामगारों और श्रमिकों के लिए 14 योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के लाभ दिए जा रहे हैं , इसके लिए पंजीकरण श्रम विभाग के अंतर्गत किया जा रहा है जो 31 मार्च तक निःशुल्क है.
धौरहरा गाँव में शिविर लगा कर दी गयी निर्माण मजदूरों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी 
द्वितीय सत्र में सूचना के अधिकार कानून,  सभी के निःशुल्क व् अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून तथा जन हित गारंटी कानून के बारे में प्रशिक्षण और साहित्य उपलब्ध कराया  गया.  इन अधिकारों के व्यापक प्रचार प्रसार और प्रयोग की आवश्यकता बतायी गयी.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के वरिष्ठ सदस्य अरविन्द मूर्ति ने कहा कि स्वयं  में सचेत रह कर और समाज को जागरूक करके ही व्यवस्था में वांछित सुधार लाया जा सकता है, उन्होंने कहा कि जन विरोधी नीतियों का सांगठनिक रूप से प्रतिरोध और जन हित के अधिकारों का भरपूर उपयोग आज की आवश्यकता है. तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को समूल समाप्त करने के की दिशा में सूचना के अधिकार का प्रयोग एक सशक्त हथियार हो सकते हैं.
कार्यक्रम संयोजक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने युवा प्रतिभागियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे कार्यशाला में प्राप्त जानकारियों का भरपूर उपयोग समाज में लोगो को जागृत करने कि दिशा में करें और अपने स्तर से जन कल्याणकारी योजनाओं एवं जन अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करें. कार्यशाला में प्रमुख रूप से दीन दयाल सिंह, रमेश चन्द्र, प्रदीप सिंह,  होशिला यादव, रामकिशोर, श्रद्धा, सीमा, कुसुम लता , उर्मिला, अजय पटेल. आदि ने विचार रखे.  राम बचन, महेंद्र और मुस्तफा, मनोज ने जनवादी गीत प्रस्तुत किये.

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