कृषि कानून सभी मेहनतकश लोगों के खिलाफ़ हैं और इनकी सबसे अधिक मार मज़दूर वर्ग पर पड़ेगी

0
654

13 दिसंबर 2020, लुधियाना। आज लुधियाना के ताज़पुर रोड पर स्थित मज़दूर पुस्तकालय पर मोदी हुकूमत के घोर जनविरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ़ और जारी संघर्ष समर्थन में कन्वेंशन का आयोजन किया गया। यह कन्वेंशन कारखाना मज़दूर यूनियन, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन और नौजवान भारत सभा द्वारा की गई। पंजाबी क्रांतिकारी पत्रिका ‘प्रतिबद्ध’ के संपादक सुखविंदर कन्वेंशन में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। उनके अलावा टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविंदर, नौजवान भारत सभा के नेता नवजोत व बिन्नी और कारखाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर मोदी हुकूमत के खिलाफ़ जनता बहुत जुझारू ढंग से बहादुरी भरा संघर्ष लड़ रही है जिसमें  पंजाब के किसान सबसे बड़ी भागीदारी कर रहे हैं। दमन के बावजूद संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इस संघर्ष का पुरज़ोर ढंग से समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि कानून सभी मेहनतकश लोगों के खिलाफ़ हैं और इनकी सबसे अधिक मार मज़दूर वर्ग पर पड़ेगी। ये कानून पूँजीपति वर्ग द्वारा अनाज की जमाखोरी, काला बाज़ारी, मंहगाई को बढ़ावा देंगे। इनके कारण सरकारी राशन वितरण प्रणाली को खत्म खत्म होगी जिससे करोड़ों गरीबों को भुखमरी-गरीबी के गड्ढे में और गहरा धकेला जाएगा। एफसीआई जैसे सरकारी संस्थानों का निजीकरण और खात्मा होगा और इनके कर्मचारियों की छंटनी, वेतन-भत्तों की कटौती होगी। गरीब किसानों को कंपनियों से ठेका विवादों में अदालत जाने का हक नहीं देते। कानून के मुताबिक कृषि क्षेत्र संबंधी राज्य सरकारें ही कानून बना सकती हैं। केंद्रीय कानून बनाकर मोदी सरकार ने राज्यों की खुदमुख्तियारी पर हमला किया है।

कृषि कानूनों को पूँजपतियों की दलाली करार देते हुए वक्ताओं ने कहा कि ये कानून विश्वीकरण-उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों का ही हिस्सा हैं जिन्होंने पिछले तीन दशकों के दौरान मेहनतकश जनता की हालत बद से बदतर बना दी है। संगठनों ने प्रस्तावित बिजली संशोधन कानून 2020, नई शिक्षा नीति, निजीकरण की नीति, नागरिकता संशोधन कानून आदि तमाम काले कानूनों को रद्द करने की भी जोरदार माँग उठाई है।संगठनों ने देश भर के तमाम मज़दूरों, मेहनतकशों, गरीब किसानों को बढ़-चढ़ कर जारी संघर्ष में शामिल होने की अपील करते हुए इस संघर्ष को और ऊंचे स्तर पर ले जाने का आह्वान किया है।

जारी कर्ता,

गुरदीप सिंह

मुख्य सचिव- टेक्सटाईल हौज़री कामगार युनियन

संर्पक- 9888817327

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here