छत्तीसगढ़ में माओवादी नेता और आदिवासियों की हत्या पर भड़की CPI: ‘यह राज्य प्रायोजित हिंसा,’ दोषियों पर कार्रवाई की माँग
वाराणसीः कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने छत्तीसगढ़ में एक वरिष्ठ माओवादी नेता और कई आदिवासियों की “ठंडे खून वाली हत्या” की कड़े शब्दों में निंदा की है। CPI ने इसे “राज्य प्रायोजित हिंसा” करार देते हुए इसकी तुलना क्रॉसफ़ायर में “निर्दोषों की हत्या” से की है। पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन है।
CPI के केंद्रीय कार्यालय से जारी बयान में कहा गया, “छत्तीसगढ़ में माओवादी नेता और आदिवासियों की हत्या एक सुनियोजित ऑपरेशन का हिस्सा है। यह न केवल राज्य की हिंसा को दर्शाता है, बल्कि आदिवासी समुदायों को हाशिए पर धकेलने और उनके खिलाफ क्रॉसफ़ायर में बलि का बकरा बनाने की साजिश को उजागर करता है।” पार्टी ने इस घटना को “गैरकानूनी गिरफ़्तारी और संदिग्ध प्रक्रिया” का परिणाम बताया, जिसके पीछे सरकार की “लोकतंत्र विरोधी नीतियाँ” जिम्मेदार हैं।
“संविधान की हत्या हो रही है”
CPI ने सवाल उठाया कि अगर राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन होता, तो क्या ऐसी घटनाएँ सामने आतीं? बयान में कहा गया, “कानून का शासन कहाँ है? अगर सरकार में बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान होता, तो यह हत्या नहीं होती। यह प्रक्रिया संविधान की हत्या है।” पार्टी ने माँग की कि इस घटना की स्वतंत्र जाँच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
आदिवासियों के हक की लड़ाई
CPI ने छत्तीसगढ़ और देशभर में आदिवासियों और जनजातियों के साथ हो रहे अन्याय को रेखांकित करते हुए कहा, “आदिवासियों के खिलाफ यह हिंसा स्वीकार्य नहीं है। वे इस देश के मूल निवासी हैं, और उनकी जमीन, जल, और जंगल के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।” पार्टी ने लोकतांत्रिक और प्रगतिशील ताकतों से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हों और छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ एकजुटता दिखाएँ।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक कथित मुठभेड़ में एक वरिष्ठ माओवादी नेता और कई आदिवासी मारे गए। CPI ने इस मुठभेड़ को “फर्जी” करार देते हुए दावा किया कि यह सुरक्षा बलों द्वारा सुनियोजित हत्या थी। पार्टी ने इस घटना को राज्य द्वारा आदिवासी समुदायों को दबाने और उनके संसाधनों पर कब्जा करने की कोशिश का हिस्सा बताया।
CPI की माँग
CPI ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की माँग की है। पार्टी ने कहा, “हमें इस हत्या की सच्चाई जानने का हक है। सरकार को जवाब देना होगा कि आखिर यह हिंसा क्यों हो रही है।” साथ ही, पार्टी ने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से इस मुद्दे पर एकजुट होने और आदिवासियों के हक में आवाज़ उठाने की अपील की है।