गाजियाबादः अभी अभी NH-24 से आ रहा हूँ। वहाँ जो देखा बयान करना मुश्किल है। बड़ी भयानक त्रासदी आई है। हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर को निकल लिये हैं। कोई साधन नहीं पैदल चल रहे हैं। न खाने की कोई व्यवस्था न पीने का पानी सबकुछ नियति के भरोसे। अभी कुछ देर पहले यहाँ बारिश हुई थी। छोटे छोटे बच्चे अपनी माँ से चिपके हैं देखकर रोना आता है। सबके साथ कुछ न कुछ सामान है और अनंत रास्ता जिसे किसी भी हाल में पार करना है। यह कोरोना की नहीं व्यवस्था की त्रासदी है……
सरकार ने अमीरों को एयर लिफ्ट कराया। यह उसके वर्ग की बात है वरना जिस हाईवे से मजदूर गुजर रहे हैं उसके दोनों तरफ लाखों की संख्या में फ्लैट खाली पड़े हैं। सभी को अलग कमरे में रखा जा सकता है। सबकी जान बचाई जा सकती है।
जनार्दन