ब्राह्मणवाद, मनुवाद, पितृसत्ता और पुरुषसत्ता के खिलाफ जारी रहेगा ऐपवा का संघर्ष

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16 अप्रैल को शाम 4 बजे Zoom App के जरिये AIPWA ने “आंबेडकर की विरासत, महिला आंदोलन और चुनौतियां” विषय पर सफल डिजिटल संगोष्ठी का आयोजन किया।
गोष्ठी में शिरकत करने वाले साथियों का परिचय इस प्रकार है-
नागपुर के महिला महाविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफेसर # डॉकृष्णामेश्राम /दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी साहित्य की शिक्षिका #डॉ मुन्नी भारती/ दिल्ली से साइंटिस्ट डॉ सरविन्द/ नागपुर से दलितएक्टिविस्ट #माया वासनिक/BHU से #प्रोप्रमोदबागड़े/ दस्तक पत्रिका की सम्पादक #सीमा आजाद / मार्क्सवादी लेखक एवं चिंतक का.#वीकेसिंह/ भगतसिंह आम्बेडकर विचार मंच से #श्रीप्रकाशराय/ DLW से#आशुमीणा और #एमभावना/ AISA से BHU के छात्र #प्रियांकमणि BCM से BHU की छात्रा #आकांक्षा आजाद ,छात्र #अनुपम एवं महाराष्ट्र से #शुभम आहाके(BCM) AIPWA से #स्मिताबागड़े #नूरफातिमा#सुतापागुप्ता #विभावाही और #कुसुमवर्मा ।

संगोष्ठी के जरिये AIPWA ने निम्नलिखित प्रस्ताव को पारित किया :-
• ऐपवा आंबेडकर की विरासत और विचारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करती है और सकंल्प लेती है कि ब्राह्मणवाद, मनुवाद, पितृसत्ता और पुरुषसत्ता के खिलाफ अपना सँघर्ष जारी रखते हुए महिला आंदोलन को आगे बढ़ाने का प्रयास करती रहेगी।
• हाल ही में 14 अप्रैल को सोशल एक्टिविस्ट प्रो. आनंद तेलतुंबड़े, और गौतम नवलखा की गिरफ्तारी का ऐपवा पुरज़ोर विरोध करती है और बिना शर्त रिहाई की मांग करती है।
• सरकार महामारी के दौरान महिलाओं के साथ भेदभाव वाले फैसले ले।रही है । सरकार ने 1 जून तक PNPDT ACT के प्रावधानों को ढीला किया है यानी भ्रूण परीक्षण पर लगी रोक को हटा दिया गया है। ऐपवा मांग करती है कि PNPDT ACT को हर जिला में कड़ाई से लागू किया जाय।
• LOCKDOWN में घरेलू हिंसा से बचाव व राहत के लिये सरकार से ऐपवा मांग करती है कि 24*7 HOTLINE बनाई जाए- एक विशेष टीम का गठन किया जाए जिसके अंतर्गत महिला संगठनों के प्रतिनिधियों की भी मदद ली जाए।।
• आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार के विरतण को पहले से दोगुना करने की मांग ऐपवा करती है।
• महामारी में गरीबो का सामने भूख का संकट मंडरा रहा है । इसकी रोकथाम के लिए आगामी तीन माह तक हर जिले में।सामुदायिक भोजनालय की शुरुआत करने की मांग ऐपवा करती है।
• ऐपवा मांग करती है कि सरकारी राशन।की दुकानों से सेनेटरी पैड और बच्चों का दूध मुफ्त दिया जाय।
• महामारी मे जारी राहत कार्यों में अपनी सेवा दे रहे सभी स्कीम वर्कर्स, सफाईकर्मियों का स्वास्थ्य बीमा करवाया जाए साथ ही डॉक्टर, नर्स समेत सभी हॉस्पिटल के स्टाफ को भी कोरोना से बचने के लिए उच्च स्तरीय उपकरण मुहैया कराए जाएं ताकि बेरोकटोक मरीजो का बेहतर मेडिकल उपचार किया जा सकें।
• ऐपवा मांग करती है कि इस महामारी के दौर में संकटग्रस्त सभी प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर वापसी कराई जाए साथ ही उन्हें तत्काल तीन माह का राशन और 1000/रु. नकद दिए जाएं।
• ऐपवा मांग करती है कि साम्प्रदायिक और विभाजनकारी ताकतों और लूटतंत्र पर तत्काल रोक लगाई जाए।
संगोष्ठी के अंत में AIPWA जिला सचिव स्मिता बागड़े एवम BCM से शुभम ने क्रांतिकारी गीत की प्रस्तुति दी।
प्रेस विज्ञप्ति

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