- विशद कुमार
झारखंड के सराईकेला-खरसावां जिला के चांडिल डैम स्थित रिसोर्ट में शुक्रवार को कोल्हान मज़दूर किसान मंच के तत्वावधान में झारखंड, दशा और दिशा के सवाल पर चिंतन बैठक की गयी। बैठक की अध्यक्षता बिरसा सोय ने की, जबकि संचालन अनूप कुमार महतो ने किया। इस दौरान वक्ताओं ने झारखंड की आदिवासी, मूलवासी व मेहनतकश जनता के अधिकारों, भाषा, संस्कृति, पहचान, अस्तित्व व अस्मिता पर हो रहे हमले को लेकर चिन्ता व्यक्त की तथा इसपर झारखंड के बौद्धिक समाज द्वारा सार्थक हस्तक्षेप बल दिया।
वृहद झारखंड में भौगोलिक, सांस्कृतिक, भाषा और खान-पान में समानता हमारी एक पहचान है। महासचिव आकाश टुडू ने कहा कि एक बार फिर से वृहद झारखंड की मांग के लिए झारखंडी जनता को संघर्ष करना होगा। वृहद झारखंड का सपना एक साजिश के तहत अब भी अधूरा है। वृहद झारखंड के बिना हम आदिवासी-मूलवासियों का सत्ता में पूर्ण हस्तक्षेप संभव नहीं होगा।
बैठक में झारखंड की दशा को बेहतर दिशा में बदलने के लिए वृहद झारखंड की जरूरत पर बल देते हुए, आम-अवाम के बीच जन जागरूकता के साथ जनांदोलन की भी जरूरत पर चर्चा की गई। वहीं साझा विमर्श में इस निष्कर्ष निकल कर आया कि वृहद झारखंड की मांगों के संदर्भ में एक सशक्त संगठन के गठन की जरूरत है। इस दौरान वृहद झारखंड की मांग को तेज करने के लिए बोकारो में गठित जनाधिकार मंच का पुनर्गठन कर उसका नामकरण वृहद झारखंड जनाधिकार मंच किया गया एवं चुनाव भी किया गया। जिसका संयोजक योगो पुर्ती को बनाया गया। केंद्रीय कमेटी में अध्यक्ष पद पर खरसावां के बिरसा सोय, महासचिव के लिए बोकारो से आकाश टुडू व संगठन सचिव चांडिल के अनूप कुमार महतो को सर्वसम्मति से चुना गया। इसके बाद कमेटी का विस्तार करते हुए विधि सलाहकार हाईकोर्ट के अधिवक्ता रंजीत गिरी, उपाध्यक्ष पद के लिए कसमार बोकारो से राजीव मुंडा, संयुक्त सचिव कतरास धनबाद से संजय रजवार, कार्यालय सचिव चाईबासा के सकरी दोंगो, महिला मंच में केंद्रीय अध्यक्ष चाईबासा से सुखमती दोंगो चुने गए। केंद्रीय सदस्य में प. बंगाल पुरुलिया से मुसरफ अली, गिरिडीह से राकेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ से मुनिश्वर भगत, चन्दनकियारी से रामपद रविदास, दुमका से महादेव टुडू, साहेबगंज से प्रेम बबलू सोरेन, गोड्डा से सीताराम मंडल, मेदिनापुर से सोमा महतो, नीमडीह से प्रतिभा महतो, चांडिल से प्रशांत महतो को शामिल किया गया।


बैठक को संबोधित करते हुए मंच के केंद्रीय अध्यक्ष बिरसा सोय ने कहा कि वृहद झारखंड के लिए एक लंबे संघर्ष के बाद झारखंडी जनता को उनका अधूरा राज्य तो मिल गया, लेकिन उनके अस्तित्व और अस्मिता का संकट बरकरार रहा। चौतरफा हमले से झारखंडी जनता के अस्तित्व खतरे में पड़ गया। उन्होंने कहा कि वृहद झारखंड में भौगोलिक, सांस्कृतिक, भाषा और खान-पान में समानता हमारी एक पहचान है। महासचिव आकाश टुडू ने कहा कि एक बार फिर से वृहद झारखंड की मांग के लिए झारखंडी जनता को संघर्ष करना होगा। वृहद झारखंड का सपना एक साजिश के तहत अब भी अधूरा है। वृहद झारखंड के बिना हम आदिवासी-मूलवासियों का सत्ता में पूर्ण हस्तक्षेप संभव नहीं होगा।
कर्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रीय गान से किया गया। इस दौरान कोल्हान मज़दूर किसान मंच का नाम जनाधिकार मज़दूर किसान मंच (कोल्हान प्रमंडल) रखा गया। सभा को हाई कोर्ट के अधिवक्ता सह इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल काउंसिल मेंबर रंजीत गिरी सहित संजय रजवार, राजीव मुंडा ने भी संबोधित किया। मौके पर हीरालाल हांसदा, सकरी दोंगो, मानसिंह जामुदा, नारायण कंडेयांग, संजय मेलगंडी, निखिल महतो, पवित्र महतो प्रशांत महतो, कुंवर सिंह सोय, बिरसा पाहन के अलावे ओड़िसा, प.बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार सहित झारखंड के विभिन्न जिले के प्रतिनिधि मौजूद थे।