- विशद कुमार


किसान आंदोलन को बदनाम करने व आन्दोलन को कुचलने की फासिस्ट सत्ता की साजिशों और घिनौनी कोशिशों के खिलाफ आज बिहार के भागलपुर स्टेशन चौक पर साझा प्रतिवाद प्रदर्शन व सभा का आयोजन किया गया।
इस मौके पर बुद्धिजीवी डॉ योगेन्द्र और सामाजिक कार्यकर्ता उदय ने कहा कि 26जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा व अराजकता के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार जिम्मेवार है न कि किसान। किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए ऐसी साजिश सत्ता द्वारा रची गयी, यह पूरा देश जान गया है।
सभा का संचालन करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव और अर्जुन शर्मा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार और भगवा गिरोह किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश करने के बाद अब उसे कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। रात के अंधेरे में पुलिस व भगवा गिरोह द्वारा गाजीपुर बोर्डर पर आंदोलन को कुचलने कोशिश विफल हुई तो आज दिन में भगवा गुंडों ने पुलिस के संरक्षण में सिंघु बोर्डर पर किसानों पर हमला किया। जिसकी जितनी भर्त्सना की जाय कम है। मुल्क किसानों के दमन व अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं और देश के विभिन्न हिस्सों में गिरफ्तार किये गये किसान नेताओं को अविलंब रिहा किया जाए।
बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के सोनम राव और बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के अजय राम ने कहा कि किसानों की लड़ाई संविधान-लोकतंत्र व देश बचाने की लड़ाई है। जो भी संविधान व लोकतंत्र पक्षधर हैं, देशभक्त हैं, उन्हें किसान आंदोलन के साथ खड़ा होने की जरूरत है।
एसयूसीआई (सी) के दीपक मंडल और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के सौरव राणा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार मुल्क के संपत्ति-संसाधनों, खेत-खेती, शिक्षा-चिकित्सा व्यवस्था को अंबानी-अडानी के हवाले कर देने के लिए काम कर रही है। फिर से देश को गुलाम बना रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय भाई और सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के विनय संगीत ने कहा कि 26जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा-अराजकता के असली दोषियों के हाथ नरेन्द्र मोदी व अमित शाह से मिले हुए हैं, उन्हें छूट मिली हुई हैं और किसान नेताओं पर मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रतिवाद प्रदर्शन में बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के अभिषेक आनंद, राजेश रौशन, विभूति, अमित यादव, सिंटू, सुशील, नंदकिशोर, तनवीर, राजीव दास, जैकी, राजीव हरि, रविरंजन, अंगद, शशि, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी, तालिब, भरत, दिवाकर देव, राहुल राजीव, श्याम, नीरज, गौतम मल्लाह, शंभू सहित कई लोग शामिल थे।