संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर आज निजीकरण, कारपोरेटीकरण और किसान-मजदूर-छात्र-कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालकर जिलाधिकारी आजमगढ़ के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय, भारत सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा,आजमगढ़ की तरफ से ज्ञापन दिया गया।
प्रतिरोध मार्च में निजीकरण मुर्दाबाद,सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण बंद करो,नए कृषि कानूनों को रद्द करो,श्रम कानूनों में हुए मजदूर विरोधी सुधार वापस लो, डीजल-पेट्रोल-रसोई गैस की मूल्य वृद्धि सहित दैनिक जरूरतों की वस्तुओं पर बेलगाम महंगाई पर रोक लगाओ, इंकलाब जिंदाबाद, मुनाफाखोर व्यवस्था मुर्दाबाद, छात्र-कर्मचारी-मजदूर-किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए गए! देशी विदेशी कंपनियों के हित में देश की सम्प्रुभता व नागरिकों के हितों को दांव पर लगाने की भारत सरकार के नीतियों की आलोचना की गई।
किसान, मजदूर, छात्र, कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच तथा संयुक्त किसान मोर्चा ने व्यापक तौर पर देशव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है, सरकार के अड़ियल व तानाशाही प्रवृत्ति के कारण यह आंदोलन आगे और व्यापक व मजबूत ढंग से लड़ने की योजना बनाई जा रही है। जिसमें किसान-मजदूर-कर्मचारी-शिक्षक-छात्र व नौजवानों को शामिल करने का आह्वान किया जा रहा है।आने वाले दिनों में सरकार निजीकरण पर रोक नहीं लगाती है तो देशव्यापी जनांदोलन खड़ा हो सकता है। कार्यक्रम में दुखहरन राम, ओमप्रकाश सिंह, डॉ रवींद्र नाथ राय,विनोद सिंह ,वेदप्रकाश उपाध्याय, दान बहादुर मौर्य,संदीप,आकाश,अवधेश अनिरुद्ध ,सचिन,आशीष अनिकेत, प्रशांत आदि लोग उपस्थित रहे।